अधिकारियों के साथ निर्माण करने वाली कंपनी के प्रतिनिधियों ने किया संयुक्त मुआयना
धार्मिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बाटनागाड़ पर बनेगा 220 मीटर लंबा पुल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ऐलान के बाद शुरू हो रहा है निर्माण
देवभूमि टुडे
चंपावत। पूर्णागिरि धाम मार्ग पर बाटनागाड़ नाले पर बनने वाले पुल के लिए कवायद तेज हो गई है। शनिवार को संबंधित सरकारी विभाग के साथ निर्माण कराने वाली कंपनी के अधिकारियों ने मौका मुआयना किया।
बाटनागाड़ का नाला पूर्णागिरि धाम के साथ नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण है। धार्मिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ ही नेपाल सीमा से लगी टनकपुर-जौलजीबी निर्माणाधीन सड़क और टनकपुर ककरालीगेट-भैरव मंदिर सड़क पर आवाजाही के लिए यहीं से होकर गुजरना होता है। लेकिन बरसात में भारी भूस्खलन से आवाजाही अक्सर बाधित रहती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहां के खराब हालात के मद्देनजर बाटनागाड़ में पुल के निर्माण का वर्ष 2023 में ऐलान किया था। जिसके बाद पुल निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई।
निर्माणदाई कंपनी बाटनागाड़ पर बनने वाले पुल के मृदा परीक्षण, सर्वे की प्रक्रिया कर रही है। शनिवार को भू वैज्ञानिक डॉ. हरीश सिंह बिष्ट, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एमसी पलडिय़ा, सहायक अभियंता लक्ष्मण सिंह सामंत, सिंचाई विभाग के एई आरके यादव, वन विभाग के दरोगा भरत सिंह, प्रभारी तहसीलदार जगदीश गिरी आदि ने संयुक्त निरीक्षण किया। इस स्थान पर करीब 250 मीटर स्पान के पुल का निर्माण किया जाना है।