गुरिल्लाओं ने ठुकराया प्रशासन का आग्रह… प्रदेश इकाई के आदेश पर ही खत्म होगा आंदोलन

नौकरी, पेंशन और मृतकाश्रितों को आर्थिक सहायता की मांग को लेकर 29 जनवरी से लोहाघाट में हो रहा धरना
उत्तराखंड में हैं 19 हजार से अधिक एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्ला स्वयंसेवक
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्ला संगठन ने आंदोलन वापस लेने के प्रशासन के आग्रह को ठुकरा दिया है। संगठन के जिलाध्यक्ष ललित बगौली का कहना है कि आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन को खत्म करने का निर्णय संगठन की प्रदेश इकाई लेगी। अगर प्रशासन या सरकार इसे लेकर संजीदा है, तो देहरादून में प्रदेश इकाई से वार्ता करें। वहीं 29 जनवरी से लोहाघाट में शुरू धरना छठे दिन शनिवार को भी जारी रहा। गुरिल्ला संगठन के धीरज पुनेठा ने लोहाघाट में बापू की प्रतिमा के समक्ष सोमवार से बेमियादी अनशन पर हैं।
प्रशिक्षण प्राप्त गुरिल्लों को नौकरी देने, सेवा की उम्र पार कर चुके गुरिल्लों को पेंशन और मृतक गुरिल्लों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की संगठन लंबे समय से मांग कर रहा है। संगठन का आरोप है कि बीते 17 वर्षों में तीन बार सत्यापन की कार्रवाई के बावजूद उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया। शासन और मुख्यमंत्री से डेढ़ माह पूर्व हुई वार्ता के बाद भी कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा सका है। शनिवार को व्यापारी प्रकाश पुनेठा, सतीश साह, महेश जोशी, राजेंद्र पुनेठा के साथ गुरिल्ला संगठन के लाल सिंह, हयात सिंह, शांति देवी, हीरा देवी, ईश्वरी देवी, दुर्गा देवी, दिवान सिंह, भगवत पांडे, एलएम गहतोड़ी, सुनीता उप्रेती, प्रकाश चौधरी ने धरने का समर्थन किया। प्रदेश में 19 हजार से अधिक एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्ला स्वयंसेवक हैं। इनमें से 950 से अधिक गुरिल्ला चंपावत जिले के हैं।

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