क्यों गुस्साए हैं जल निगम, संस्थान कर्मी?

20 जनवरी से दे रहे धरना
पेयजल अनुरक्षण और निर्माण की जिम्मेदारी शहरी विकास विभाग को सौंपने का हो रहा विरोध
देवभूमि टुडे
चंपावत। जल निगम- जल संस्थान संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में 27 जनवरी को धरना जारी रहा। संयुक्त मोर्चा पेयजल योजनाओं के निर्माण से लेकर रखरखाव तक की जिम्मेदारी शहरी विकास विभाग की एजेंसी यूयूएसडीए (उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी) को दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। मोर्चा का कहना है कि ऐसा कर इन दोनों विभाग को खत्म करने की साजिश की जा रही है। मोर्चा ने जल संस्थान और जल निगम के एकीकरण और राजकीयकरण की भी मांग की है।
इन मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा 20 जनवरी से सांकेतिक धरने पर है। शनिवार को पेयजल निगम कर्मचारी महासंघ के जनपद अध्यक्ष यमन बिष्ट की अध्यक्षता और पेयजल पेंशनर्स एसोसिएशन के नेता राम दत्त सौराड़ी के संचालन में हुई बैठक में सरकार की कर्मचारी और जन विरोधी नीति के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का एलान किया गया। इंजीनियर कन्हैया लाल वाल्मिकी ,इंजीनियर दिनेश भट्ट, कमलेश उप्रेती, एलडी नरियाल, रमेश जोशी, हरीश राय, एनडी पंत, रवींद्र सामंत, सुरेश कुमार सहित कई कर्मचारियों ने धरना दिया।

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