

चंपावत-गौड़ी-किमतोली सड़क की मरम्मत की मांग की, अधिशासी अभियंता को दिया ज्ञापन
गुमदेश विकास संघर्ष समिति की मांग
देवभूमि टुडे
चंपावत/लोहाघाट। नाम चंपावत-गौड़ी-किमतोली मोटर मार्ग, लेकिन सड़क बनेगी चंपावत-गौड़ी से किमतोली से 3 किमी पहले चिल्कोटी खेत तक। गुमदेश विकास संघर्ष समिति ने सड़क को गौड़ी से किमतोली तक सुधारने की मांग करते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को ज्ञापन सौंपा।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त शिक्षक माधो सिंह अधिकारी का कहना है कि शहीद शिरोमणि चिल्कोटी का कहना है कि नेपाल सीमा से लगे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण गुमदेश क्षेत्र को जिला मुख्यालय चंपावत से जोडऩे के लिए चंपावत-गौड़ी-किमतोली सड़क की कई दशक से मांग की जाती है। इस सड़क को सुधारने के लिए सरकार ने बजट मंजूर कर काम भी शुरू करवाया। लेकिन इस सड़क को चंपावत-गौड़ी से किमतोली तक सुधारने के बजाय किमतोली से पूर्व चिल्कोट खेती तक ही संवारा जा रहा है। इससे गुमदेश क्षेत्र की हजारों की आबादी को इसका फायदा नहीं मिल पाएगा। लोगों ने जिला मुख्यालय से किमतोली तक सड़क निर्माण की मांग की है।
चंपावत-गौड़ी-किमतोली मोटर मार्ग को सुधारने का काम इस साल अप्रैल से चल रहा है। 12.15 किलोमीटर लंबे मोटर मार्ग का 958.34 लाख रुपये से मरम्मत की जा रही है, लेकिन सड़क के सुधारीकरण किमतोली तक नहीं होकर उससे करीब तीन किमी पहले चिल्कोटी खेत तक होने से गुमदेश क्षेत्र के लोग मायूस हैं। संघर्ष समिति के अध्यक्ष अधिकारी का कहना है कि इससे चिल्कोटी खेती गांव से आगे के लोग अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। ज्ञापन देने वालों में ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष सरिता अधिकारी, मोहित पाठक, चांद सिंह बोहरा, मदन कलौनी, देव सिंह धौनी, केशर सिंह, नरेश कुमार, महेंद्र बोहरा, युगल किशोर आदि मौजूद थे।
लोक निर्माण विभाग के लोहाघाट खंड के अधिशासी अभियंता हितेश कांडपाल का कहना है कि चिल्कोटी खेती से किमतोली तक सड़क सुधारीकरण का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। प्रस्ताव मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। चंपावत डिवीजन के ईई मोहन चंद्र पलड़िया का कहना है कि सड़क का सुधारीकरण गौड़ी से चिल्कोट खेती तक 12.15 किमी तक होगा।

