ये कैसी व्यवस्था… चंपावत में चोट के इलाज को हल्द्वानी लग रही दौड़

१२ किमी तक एक डंडे के सहारे कंधे पर लाए, आधे घंटे तक किया एंबुलेंस का इंतजार
जिला अस्पताल लाने के बाद हायर सेेंटर रेफर
नेपाल सीमा से लगे तल्लादेश क्षेत्र के बकोड़ा गांव की
चम्पावत। एक डंडे वाली डोली से १२ किमी का पैदल सफर, फिर ४५ मिनट का मंच गांव में इंतजार के बाद आपात सेवा की १०८ की एंबुलेंस से ३१ किमी दूर चंपावत जिला अस्पताल। इसके बाद ये सिलसिला थमता नहीं है। फिर जिला अस्पताल से हायर सेंटर हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल। इसके बाद कहीं शुरू होता है इलाज। ये व्यथा है नेपाल सीमा से लगे तल्लादेश के सड़क से कटे बकोड़ा गांव की। एकबुजुर्ग महिला के गिरने से घायल होने के इस वाकये के बाद स्वास्थ्य और अन्य व्यवस्था के कुरूप चेहरे की एक बानगीभर है।
जिला मुख्यालय से ४३ किलोमीटर दूर बकोड़ा के पूरन सिंह की पत्नी बेनी देवी (६०) सात दिसंबर की सुबह पेड़ से गिर गई। बुरी तरह चोटिल महिला को आननफानन में एक डंडे में डोली बनाकर १२ किमी के पैदल मार्ग को पार कर सड़क तक मंच लाया गया। इस संकरे पैदल मार्ग को पार करने में छह घंटे लगे। तो फिर शुरू हुआ एंबुलेंस का इंतजार। मंच की एंबुलेंस के फिटनेस के लिए देहरादून जाने से यहां भी चोट से तडफ़ती औद दर्द से कराहती महिला को आपात सेवा १०८ की एंबुलेंस के लिए आधा घंटे तक इंतजार करना पड़ा। चंपावत से भेजी गई एंबुलेंस से महिला को ३१ किमी दूर चंपावत के जिला अस्पताल लाया गया। महिला के कूल्हे की हड्डी टूटने के साथ आंख में भी चोट लगी है। सीटी स्कैन की सुविधा न होने से फिर महिला को आगे रेफर किया गया। प्राथमिक इलाज के बाद बेनी देवी को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया।

अस्पताल में डॉक्टर नहीं, एंबुलेंस भी गायब
नेपाल सीमा से लगे तल्लादेश क्षेत्र की व्यवस्था हर परीक्षा में बुरी तरह फेल हुई है। और इस बार भी यही कहानी दोहराई गई। डोली में मरीज, एंबुलेंस की खामी से लेकर अस्पताल की अव्यवस्था कदम-कदम पर दिखी। मंच अस्पताल में तैनात दोनों डॉक्टर भी बुधवार को नदारद थे। डॉक्टर की गैर हाजिर से चोटिल महिला बेनी देवी को मंच अस्पताल नहीं ले जाया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. केके अग्रवाल कहते हैं कि एक डॉक्टर प्रशिक्षण, तो दूसरे बुधवार को अवकाश में थे।
वहीं सीमांत के इस क्षेत्र की आपात चिकित्सा सेवा १०८ की एंबुलेंस भी करीब एक माह से नहीं है। एंबुलेंस नहीं होने से लोगों को दुश्वारी हो रही है। आपात सेवा १०८ की एंबुलेंस सेवा के प्रभारी कमल शर्मा का कहना है कि मंच की एंबुलेंस फिटनेस के लिए देहरादून भेजी गई है। तल्लादेश क्षेत्र के लिए चंपावत से एंबुलेंस भेजी जा रही है।
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वन अनापत्ति के फेर में मंच-बकोड़ा सड़क
तल्लादेश की सड़कविहीन बकोड़ा गांव तक रोड पहुंचाना टेड़ी खीर बन रहा है। मंच से बकोड़ा तक की १२ किलोमीटर की सड़क मंजूरी के बाद भी बन नहीं पा रही है। लोक निर्माण विभाग काम शुरू होने में देरी की वजह वन अनापत्ति नहीं मिलना बता रहा है।

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