चमोली जिले के गैरसैंण का मामला
राज्य सरकार को पीडि़ता को प्रतिकर के रुप में सात लाख रुपये का भुगतान एक माह के भीतर करने के आदेश भी दिए
देवभूमि टुडे
चंपावत/गोपेश्वर। नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने आरोपी पिता को दोषी माना है। कोर्ट ने आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर दोषी को एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इसके अलावा अदालत ने दस हजार रुपये पीडि़ता को देने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को पॉक्सो अधिनियम के तहत पीडि़ता को प्रतिकर के रुप में सात लाख रुपये का भुगतान एक माह के भीतर करने के आदेश दिए हैं।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता मोहन पंत ने बताया कि पीडि़ता ने अप्रैल 2021 को थाना गैरसैंण में अपने पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें दसवीं में पढऩे वाली पीडि़ता ने बताया था कि वह अपने पिता, छोटे भाई और दादी के साथ रहती थी। जबकि उसकी मां उनसे अलग मायके में रहती है। पीडि़ता ने पिता पर सितंबर 2019 में रात के समय तीन अलग-अलग दिनों में उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। इसकी जानकारी उसने अपने परिजनों को दी, लेकिन किसी ने भी उसका साथ नहीं दिया। यहां तक कि उसका पिता उसे बेचने और जान से मारने की धमकी भी देता था। वह घर छोड़कर अपने मां के पास चली गई। इसके बाद वह अपनी मां के साथ गैरसैंण थाने पहुंची। मुकदमा दर्ज होने के बाद अदालती प्रक्रिया चली। और अब सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने आरोपी को कसूरवार पाते हुए सजा सुनाई है।