रीठाखाल क्षेत्र में मारपीट, जान से मारने की धमकी का मामला
देवभूमि टुडे
चंपावत। अदालत ने मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के आरोपी को दोषसिद्ध पाया है। अलबत्ता कोर्ट ने अपराध की प्रकृति एवं घटना की परिस्थितियों को देखते हुए अपराधी परिवीक्षा अधिनियम 1958 की धारा-4 के अंतर्गत आदेश की तिथि 31 जनवरी से छह माह हेतु परिवीक्षा प्रदान की है। अभियुक्त इन छह माह की परिवीक्षा अवधि के दौरान परिशांति कायम रखेगा और सदाचारी बना रहेगा। अपराधी परिवीक्षा अधिनियम 1958 के अंतर्गत न्यायालय को यह शक्ति प्राप्त है कि वह दोषसिद्ध अपराधी को जेल न भेज कर उसे सुधारने के लिए घर भेज सकता है।
विवरण के मुताबिक पाटी क्षेत्र के रीठाखाल टकनागुरौ निवासी भुवन चंद्र पुजारी (42) पर 22 सितंबर 2020 को घर में घुसकर मारपीट, अपशब्द और परिवार को जान से मारने की धमकी देने का आरोप प्रकाश चंद्र पुजारी ने लगाया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 448, 504, 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया। मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन/न्यायिक मजिस्ट्रेट हेमंत सिंह ने साक्ष्य के अभाव में आरोपी को धारा 504 से दोषमुक्त किया गया। जबकि आईपीसी की धारा 323, 448 और 506 में दोषसिद्ध पाया। अपराध की प्रकृति एवं घटना की परिस्थितियों को देखते हुए अपराधी परिवीक्षा अधिनियम 1958 की धारा-4 के अंतर्गत आदेश की तिथि से छह माह हेतु परिवीक्षा प्रदान की गई है।