देवभूमि टूडे दीपोत्सव.. रविवार से नौ दिन तक भक्तिमय रहेगा जिला

फोटो: मुख्यमंत्री की वीसी में चंपावत में मौजूद डीएम नवनीत पांडे और अन्य अधिकारी।

मकर संक्रांति से राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा तक होगा दीपोत्सव
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीसी के जरिए कार्यक्रमों की तैयारियों का जायजा लिया
शासन स्तर से सम्मानित होगा बेहतरीन काम करने वाले जिला
देवभूमि टूडे
चंपावत/देहरादून। मकर संक्रांति (14 जनवरी) से अयोध्या में राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा (22 जनवरी) तक जिले में दीपोत्सव होगा। शुक्रवार को हुई वीडियोकांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के सभी जिलों के प्रशासनिक मुखियाओं को कार्यक्रमों की रूपरेखा और गहन तैयारी करने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि इन कार्यक्रमों को सिर्फ सरकारी स्तर पर ही नहीं स्वत:स्फूर्त तरीके से आम लोगों को जोड़ा जाए। बेहतरीन कार्य करने वाले जिले को शासन स्तर से सम्मानित भी किया जाएगा।
सीएम धामी ने कहा कि पारंपरिक, पौराणिक मेले, पर्व और उत्सव मनाने की पुरातन और वैभवशाली परंपरा है, इससे समाज में भी जुड़ाव और समरसता बढ़ता है। ऐसे पर्वों को भव्यता से मनाना सभी का दायित्व है। सीएम ने इसके लिए विकासखंड स्तर पर समितियों का गठन कर धार्मिक स्थलों पर आम जनों की सहभागिता से कलश यात्रा और झांकियों का आयोजन कराने को कहा। इस कार्य में महिला मंगल दल, युवक मंगल दल, नगर निकायों, जिला पंचायत, विकासखंड, स्वयं सहायता समूहों और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। इस दौरान मंदिरों में कीर्तन, भजन, पूजा-अर्चना, राम भजन के साथ ही अन्य कार्यक्रम भी कराते हुए दीपावली पर्व जैसा माहौल बनाया जाएगा। जिले के सभी मंदिरों, पार्कों, सरकारी व अद्र्ध सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक स्थलों, सभी नदी के तटों और घाटों में विशेष सफाई अभियान भी चलाया जाएगा। साथ ही इन क्षेत्रों को रोशनी से जगमग भी किया जाएगा।
वीसी में डीएम नवनीत पांडे ने बताया कि जिले में कार्यक्रम की कामयाबी के लिए सभी स्थलों को चिन्हित करने के साथ ही सभी 313 ग्राम पंचायतों में नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी आरसी कांडपाल, अपर जिलाधिकारी हेमंत कुमार वर्मा, परियोजना निदेशक विम्मी जोशी, मुख्य शिक्षाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट, जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़, जिला युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी मोहन सिंह नगन्याल आदि मौजूद थे।

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