उत्तराखंड के 12 पोलिंग बूथ में तीन दिन पहले जाएंगी पोलिंग टीम

सीसीटीवी से हो रही शराब वितरण केंद्रों की मॉनिटरिंग, 497 फ्लाइंग स्क्वाड भी गठित
उत्तराखंड की संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नमामि बंसल की पत्रकार वार्ता
देवभूमि टुडे
चंपावत/देहरादून। उत्तराखंड की संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नमामि बंसल ने बताया कि राज्य स्तर पर शराब के कुल 628 वितरण केंद्रों के अलावा आठ बॉटलिंग प्लांट व डिस्टिलरी की सीसीटीवी से मॉनिटरिंग की जा रही है। साथ ही शराब वितरण में लगे सभी वाहनों पर भी जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं। बृहस्पतिवार को देहरादून सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में ब्रीफिंग करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी पांचों लोकसभा सीटों के लिए व्यय पर्यवेक्षक उत्तराखंड पहुँच चुके हैं। शुक्रवार को होने वाले नामांकन के दौरान उनके प्रत्याशियों व दलों के खर्चे की पूरी निगरानी की जाएगी।
संयुक्त मुख्य निर्वावचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव में शराब के दुरुपयोग को रोकने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। 20 मार्च को नैनीताल के मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र में कुल 450 लीटर शराब बरामद करने के साथ ही चंपावत जिले में में 600 लीटर शराब बरामद की गई। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कुल तीन करोड़ की शराब बरामद हुई थी। जबकि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान कुल 4.70 करोड़ रुपये की शराब बरामद की गई थी। इस बार शराब के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुल 497 फ्लाइंग स्क्वाड गठित किए गए हैं।
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी बंसल ने बताया कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कुल दस बूथ पर चुनाव बहिष्कार हुआ था। लेकिन इस बार अभी तक कहीं से भी बहिष्कार की शिकायत नहीं प्राप्त हुई है। साथ ही सी-विजिल पर अब तक प्राप्त सभी 5625 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। 2019 में कुल 30 बूथ पर पी-थ्री (वे बूथ जहां तीन दिन पहले पोलिंग टीम रवाना होती हैं) ऐसे थे, जहां पोलिंग टीम को पैदल पहुँचना पड़ा। इस बार ऐसे केवल 12 बूथ हैं। इनमें उत्तरकाशी के 11 और पिथौरागढ़ जिले के धारचूला के कनार का एक बूथ है।

error: Content is protected !!